संगम काल: एक परिचय
संगम काल दक्षिण भारत (तमिलनाडु) का प्राचीन साहित्यिक युग है, जो लगभग 300 ई.पू. से 300 ई. तक माना जाता है। इस काल में तमिल कवियों और विद्वानों द्वारा रचित साहित्य को "संगम साहित्य" कहा जाता है। यह काल तमिल साहित्य, संस्कृति, राजनीति और अर्थव्यवस्था का स्वर्ण युग माना जाता है।
संगम साहित्य: प्रमुख रचनाएँ
संगम साहित्य को तीन संगमों (सभाओं) में विभाजित किया गया है, जिनमें से केवल तीसरे संगम की रचनाएँ ही उपलब्ध हैं।
📜 संगम साहित्य के प्रमुख ग्रंथ
- एट्टुत्तोगई (8 संग्रह):
- अहनानूरु (कृषि एवं युद्ध पर कविताएँ)
- पुरनानूरु (राजाओं की प्रशंसा)
- कुरुन्थोगई (प्रेम कविताएँ)
- पट्टुप्पट्टु (10 लंबी कविताएँ)
- पटिनेन्कीलकनक्कु (18 नीति ग्रंथ):
- तिरुक्कुरल (तिरुवल्लुवर द्वारा रचित नीति शास्त्र)
- नालडियार (जैन विद्वानों द्वारा रचित)
संगम कालीन राजवंश
संगम काल में तीन प्रमुख राजवंशों का उल्लेख मिलता है:
👑 तीन प्रमुख राजवंश
- चेर राजवंश: केरल एवं पश्चिमी तट पर शासन, राजधानी वंजी।
- चोल राजवंश: कावेरी नदी घाटी में शासन, राजधानी उरैयूर एवं पुहार (कावेरीपट्टनम)।
- पांड्य राजवंश: मदुरै क्षेत्र में शासन, राजधानी मदुरै, प्रसिद्ध व्यापारिक केंद्र।
संगम कालीन समाज एवं अर्थव्यवस्था
👥 सामाजिक संरचना
- समाज पांच भू-विभागों (तिनई) में विभाजित था:
- कुरिंजी (पहाड़ी क्षेत्र, शिकारी)
- मुल्लई (वन क्षेत्र, पशुपालक)
- मरुदम (उपजाऊ भूमि, किसान)
- नेयतल (तटीय क्षेत्र, मछुआरे)
- पालई (रेगिस्तान, योद्धा)
- स्त्रियों की स्थिति: उच्च, कवयित्रियाँ जैसे अव्वैयार प्रसिद्ध थीं।
💰 आर्थिक स्थिति
- कृषि: चावल, कपास, गन्ना, काली मिर्च की खेती।
- व्यापार: रोमन साम्राज्य के साथ मसालों, रत्नों, मोतियों का व्यापार।
- मुद्रा: रोमन सोने के सिक्के (ऑरियस) प्रचलित थे।
यूपीएससी/यूपीपीएससी में पूछे गए प्रश्न
📝 महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
- प्रश्न: संगम साहित्य की रचना किस भाषा में हुई?
उत्तर: तमिल।
- प्रश्न: तिरुक्कुरल के रचयिता कौन हैं?
उत्तर: तिरुवल्लुवर।
- प्रश्न: संगम काल में रोमन साम्राज्य के साथ किस बंदरगाह से व्यापार होता था?
उत्तर: मुजिरिस (केरल)।