तद्भव एवं तत्सम शब्द

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तत्सम शब्द : संस्कृत भाषा के वे शब्द जो कि हिन्दी भाषा में अपने मूल रूप में प्रयुक्त किए जाते है, तत्सम शब्द कहलाते है। तत्सम शब्द का मतलब है 'उसके समान' अर्थात अपने मूल स्रोत संस्कृत भाषा के शब्दों के समान।
उदाहरण के लिए- अश्रु, हस्त, विक्षोभ, अष्ट इत्यादि

संस्कृत के कुछ शब्द ऐसे भी होते हैं जिन्हे वर्तमान के प्रचलन के हिसाब से उपसर्ग अथवा प्रत्यय लगाकर कुछ नए शब्द के रूप में बना लिया जाता है किन्तु प्रायः वे भी तत्सम शब्द के अंतर्गत ही आते है।

तद्भव शब्द : तद्भव का मतलब होता है 'उससे उत्पन्न' अर्थात जो शब्द मूल रूप संस्कृत से पालि, प्राकृत और अपभ्रंश आदि के विभिन्न चरणों से गुजरकर वर्तमान हिन्दी के प्रचलित शब्द के रूप में होते है, तद्भव शब्द कहलाते है।
उदाहरण के लिए- आँसू, हाथ, विछोह, आठ इत्यादि

तद्भव एवं तत्सम हिन्दी uppsc
तद्भव एवं तत्सम

💢 प्रायः तत्सम शब्दों में 'क्ष' और तद्भव शब्दों में 'ख' अथवा 'छ' का प्रयोग होता है। जैसे 👇

तत्सम तद्भव
विक्षोभ विछोह/वियोग
अंगरक्षक अँगरखा
अक्षि आँख
नक्षत्र नखत
अक्षर अच्छर/आखर
क्षेत्र खेत


💢 प्रायः तत्सम शब्दों में 'व' और तद्भव शब्दों में 'ब' का प्रयोग होता है। जैसे 👇

तत्सम तद्भव
वर्कर बकरा
वामन बौना
वरयात्रा बारात
वानर बंदर
वणिक बनिया
वक बगुला
विवाह ब्याह


💢 प्रायः तत्सम शब्दों में 'ष' एवं 'श' वही तद्भव शब्दों में 'स' का प्रयोग होता है अथवा लोप हो जाता है। जैसे 👇

तत्सम तद्भव
आशीष असीस
शुक सुआ
कृषक/कृषाण किसान
कृष्ण किसन
आषाढ़ असाढ़
श्वसुर ससुर
शाक साग
शुण्ड सूँड


💢 प्रायः तत्सम शब्दों में 'य' और तद्भव शब्दों में 'ज' का प्रयोग होता है। जैसे 👇

तत्सम तद्भव
योगी जोगी
यम जम
यजमान जजमान
युक्ति जुगति/जुक्ति
युवा जवान
युग जुग


💢 ऋ, क्ष, त्र, ज्ञ, श्र, शृ आदि जैसे संयुक्त व्यंजनों का प्रयोग सदैव तत्सम शब्द में होता है। जैसे 👇

तत्सम तद्भव
शृंग सींग
घृत घी
गृह घर
श्रावण सावन
गृहिणी घरनी
वृद्ध बूढ़ा
मातृभार्या भाभी
मृतिका मिट्टी
मित्र मीत
पत्र पत्ता
रात्रि रात


💢 चंद्रबिन्दु (ाँ) का प्रयोग सदैव तद्भव शब्द में होता है जबकि तत्सम शब्द में अनुनासिक अथवा पंचम वर्ण (ड़, ञ, ण, न, म) का प्रयोग होता है। जैसे 👇

तत्सम तद्भव
आमलक आँवला
कूप कुआँ
अश्रु आँसू
अंगुष्ठ अँगूठा
पञ्च पाँच
मुख मुँह
लंग लँगड़ा
अंधकार अँधेरा
बंध बाँध
कंटक काँटा


💢 प्रायः तत्सम शब्दों में अर्द्ध व्यंजनों और स्वरों का प्रयोग होता है। जैसे 👇

तत्सम तद्भव
स्पर्श परस
स्वर्णकार सुनार
स्तम्भ थंभ
ताम्र ताँबा
स्तोक थोड़ा
द्विपहरी दोपहरी

विभिन्न परीक्षाओं हेतु अतिमहत्वपूर्ण तत्सम एवं तद्भव शब्दों का संग्रह :

तत्सम तद्भव
अवश्याय ओस
अग्निष्ठिका अँगीठी
अग्नि अगिन
अग्रणी अगुआ
आगार अगार
अग्रहायण अगहन
अग्रवाट अगवाड़ा
अगम्य अगम
अक्षवाट/अक्षवाटक अखाड़ा
अक्षोट अखरोट
अकार्य अकाज
अकथ्य अकथ
अंश अंस
अंध अंधा
अञ्जलि अंजली
अंगार अंगारा
अंधकार अँधेरा/अंधियारा
आंत्र आँत
अंत्र अँतड़ी
अंगप्रौंछा अँगोछा
अंगुष्ठिका अंगूठी
अंगुष्ठ अँगूठा
अंगुलि अंगुरी
अंगिका अँगिया
अंकुर अँखुआ
अंगरक्षक अँगरखा
अकस्मात अचानक
अमोघ अचूक
अक्षत अच्छत
अक्षर अच्छर/आखर
अच्छ अच्छा
अच्छल अछल
अछेद्य अछेद
अक्षोभ अछोह
अज्ञान अजान
अट्टालिका अटारी
अट्टाल अटाला
अटा अटित
अष्टानवति अट्ठानबे
अष्टाविंशति अट्ठाईस
अष्टादश अठारह
अष्टापंचाशत अठावन
अष्ट आठ
अणि अनि
अर्चि आँच
अर्क अरक
आश्चर्य अचरज
अमूल्य अमोल
अमृत अमिय
अद्य आज
अस्थि हड्डी
अशीति अस्सी
अंचल आँचल
ओष्ठ ओंठ
अवगुण औगुन
अरघट रहट
अरिष्ट रीठा
अष्टाशीति अट्ठासी
अष्टमास अठमासा
अष्टाजष्टि अड़सठ
अट्टा अड्डा
अर्धतृतीय अढ़ाई
अर्द्ध आधा
अधर्म अधरम
अर्धपूरक अधूरा
अन्यत्र अनत
अलभ्य अनमोल
अनशन अनसन
अन्न अनाज
अनर्थ/अनार्य अनाड़ी
अनुत्थ अनूठा
अस्नेह अनेह
अपकर्तृ अपकर्ता
अपयश अपजस
अपठ अपढ़
आत्मनः/आत्मनाम अपना
अपादहस्त अपाहिज
अपूर्ण अपूरण
अहि-फेन अफीम
अवेला अबेर/सवेला
अभाग्य अभागा
अमरवेल्लि अमरबेल
अमरूत अमरूद
अमावस्या अमावस
अंब अम्मा
अर्क अरग/अरक
अर्घ अरघा
अर्चन अरचना
अखिल आखा
अंगण आँगन
अङ्क/अंक आँक
अश्वमत असम्मत
अशन असन
अश्वगंध असगंध
अशुचि अशोच
अवाच् अवाक्
अवहेलन अवहेलना
आलुंचन अवलोचना
अयोध्या अवध
अवगाध अवगाह
अलवण/अलवणल अलोना
अलात अलाव
अतसी/अतीसी अलसी
अलक्षण अलच्छन
अलग्न अलग
अर्पण अरपन
आषाढ़ अषाढ़
आभीर अहीर
आखेट अहेर
आकार आँकर
आमा आँब
आमलक आंवला
आदेश आएस/आयसु
आकांक्षिन् आकांक्षी
आगमन आना
आत्मन आप
आभूषण आभूसन
आम्र आम
आरण्य आरन
आदर्शिका आरसी
आरोहिन् आरोही
आलस्य आलस
आपाक आँवाँ
आशा आस
स्तुति अस्तुति
अशीति अस्सी
आढ़यत्व आढ़त
उतिष्ठ उठ
उज्ज्वल उजला
उज्जड उजड्ड
उत्साह उछाह
उत्संग उछंग
उच्चाट उचाट
उद्घाटन उघाड़ना
उत्कथन उघटना
उद्गलन उगलना
उद्गत उगना
उत्कर्षण उखटना
उत्खंडन उखड़ा
उत्खात उखड़ना
उत्कीर्ण उकेरना
उद्वारण उड़ेलना
एषा ईषना
ईर्ष्या इरखा
ईंधन ईधन
आश्विन आसिन
एकचत्वारिंशत् इकतालीस
एकलपुत्र इकलौता
एकत्रिंशत् इकतीस
एकषष्टिः इकसठ
एकत्र इकट्ठा
एकपञ्चाशत् इक्यावन
अष्टात्रिंशत् अड़तीस
एकसप्ततिः इकहत्तर
अष्टसप्ततिः/अष्टासप्ततिः अठत्तर
एकाशीतिः इक्यासी
एकनवतिः इक्यानवे
अष्टनवतिः/अष्टानवतिः अठानवे
एकाधिकशतकम् एक सौ एक
इयत इतना
आदित्यवार इतवार
यत्र इधर/यहाँ
अम्लिका इमली
एला इलायची
मदोन्मत मतवाला
भक्षण भखना
उद्खल ओखल
उड्डयन उड़ान
उत्थान उठान
अवतरण उतरना
ऊनपञ्चाशत् उनचास
ऊनचत्वारिंशत् उनतालीस
ऊनत्रिंशत् उनतीस
ऊनविंशति उन्नीस
उपाख्यान उपखान
ओष्ठ ओंठ
उपचक्षु ऐनक
उत्सम ऊमस
उपरि ऊपर
ऊर्ण ऊन
उद्धम ऊधम
उद्धव ऊधव
उलूक उल्लू
उपालंभ उलाहना
उपवास उपास
उपर्युक्त उपरोक्त
उपाध्याय ओझा
उपवेष्टन ओढ़ना
उदर ओदर
उपल ओला
अवर ओर
कंक कंघा
कंकती कंघी
कांचन कंचन
कमल कँवल
कति कई
कर्णधार कड़िहार
कट्टार कटार
काष्ठगृह कटहरा
कच्छप कछुआ
कच्छ कछार
कच्चोलक कटोरा
कटाह कड़ाह
काष्ठपुत्तलिका कठपुतली
काष्ठपात्र कठौत
कटक कड़ा
कर्कर ककड़
कंकाल कंगाल
कर्कटी ककड़ी
कथक कत्थक
कणेर कनेर
कृषक किसान


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